नई दिल्ली, पीटीआइ। सार्वजनिक क्षेत्र की दूरसंचार कंपनी भारत संचार निगम लिमिटेड (बीएसएनएल) के 40,000 से अधिक कर्मचारी स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति योजना (वीआरएस) का विकल्प ले चुके हैं। कंपनी द्वारा तीन दिन पहले इस योजना की घोषणा की गई है। कंपनी के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक पी. के. पुरवार ने यह जानकारी दी है।
बता दें कि सरकार ने पिछले महीने बीएसएनएल और महानगर दूरसंचार निगम लिमिटेड (एमटीएनएल) के पुनरोद्धार के लिए 69,000 करोड़ रुपये के राहत पैकेज की घोषणा की थी। इसमें घाटे में चल रही दोनों कंपनियों का विलय करना, उनकी परिसंपत्तियों का मौद्रीकरण करना, कर्मचारियों को वीआरएस देना इत्यादि शामिल है। सरकार का इरादा है कि संयुक्त कंपनी को दो साल के भीतर लाभ में लाया जाए। बीएसएनएल ने पांच नवंबर को वीआरएस की घोषणा की। कंपनी के कुल डेढ़ लाख कर्मचारियों में से करीब एक लाख कर्मचारी वीआरएस के दायरे में हैं। मालूम हो कि वीआरएस आवेदन के लिए कर्मचारियों के पास तीन दिसंबर तक का समय है।
पुरवार ने कहा, 'वीआरएस योजना के लिए अब तक 40,000 से ज्यादा कर्मचारी रजिस्ट्रेशन करा चुके हैं। इसमें से करीब 26,000 कर्मचारी समूह 'ग' के हैं। सभी श्रेणियों के कर्मचारियों से इस योजना को अच्छी प्रतिक्रिया मिली है।' बीएसएनएल का मानना है कि करीब 70 से 80 हजार कर्मचारी इस योजना को चुनेंगे। कंपनी का मनाना है कि इससे उसके वेतन भुगतान के खाते में करीब 7,000 करोड़ रुपये बचत हो सकती है। बीएसएनएल की वीआरएस योजना में कंपनी के 50 वर्ष या इससे अधिक आयु के सभी नियमित और स्थायी कर्मचारी इसके योग्य हैं। इसमें उन कर्मचारियों को भी शामिल किया गया है जो प्रतिनियुक्ति पर बीएसएनएल से बाहर किसी अन्य संगठन या विभाग में नियुक्त हैं।