'राम मंदिर बने तो मुस्लिम दें रेत, ईंट और रोड़ी' - कुमार विश्वास

 



साहिबाबाद [गौरव शशि नारायण]। Ayodhya Case verdict 2019 : अयोध्या में राम मंदिर को लेकर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) का फैसला आ चुका है। वहीं, इसको लेकर तमाम राजनीतिक दलों, सामाजिक संस्थानों और धार्मिक संस्थानों से जुड़े लोगों की प्रतिक्रया भी आ रही है।


प्रतिक्रिया की कड़ी में सुविख्यात कवि कुमार विश्वास ने कहा कि भगवान श्रीराम के नाम से पहले मर्यादा पुरुषोत्तम लिखा जाता है। सभी वर्गों को फैसले का सम्मान करना है, अयोध्या कल भी राम की थी और आगे भी रहेगी। अब फैसला आ गया है। राम मंदिर बने तो प्रमुख मुस्लिमों को आगे आना चाहिए और रेत, ईंट, और रोड़ी दे और ऐसे ही जब मस्जिद बने तो हिंदू सामग्री दें। और नफरत की जीत नहीं होनी चाहिए। मैं एक नागरिक के नाते बहुत खुश हूं। साथी मेरी भी कोशिश रहेगी कि जब मस्जिद बने तो मैं उसमें कुछ योगदान दे सकूं है। 


उन्होंने ट्वीट भी किया है- 'है राम के वजूद पे हिन्दोस्तां को नाज़


 

अहल-ए-नज़र समझते हैं उस को इमाम-ए-हिंद।'


वहीं, दिल्ली के पूर्व सांसद महाबल मिश्रा ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले का सम्मान करते हैं। पिछले कई वर्षों से यह मामला लंबित था। आज सुप्रीम कोर्ट के फैसले के साथ ही यह मसला अब खत्म हो गया है। सभी आपसी भाईचारा व सौहार्द्र बनाएं रखे। जिस तरह से पिछले सत्तर वर्षों से हम सभी मिलकर देश के विकास में अपना योगदान दे रहे हैं उसी तरह आगे भी हम देश का विकास मिल-जुलकर करेंगे।


 

गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने शनिवार को अपने फैसले में कहा है कि विवादित जमीन पर मंदिर का निर्माण होगा और अयोध्या शहर में मस्जिद का निर्माण के लिए 5 एकड़ जमीन उपलब्ध कराने की बात कही है। यह फैसला एक तरह से एतिहासिक है, क्योंकि सदियों से मंदिर-मस्जिद का यह मसला दोनों ही समुदायों के लिए मुश्किलें खड़ी किए हुए थे।


वहीं, गाजियाबाद में नारायण गिरी (श्रीमहंत दूधेश्वरनाथ मंदिर व अंतरराष्ट्रीय महामंत्री, जूना अखाड़ा) ने कहा कि  उच्चतम न्यायालय का जो फैसला राम मंदिर पर आया है वह स्वागत योग्य है। सभी धर्मों का उनकी भावनाओं का ख्याल रखते हुए निर्णय दिया गया है। हम सभी को आपसी सौहार्द बनाते हुए फैसले का स्वागत करना चाहिए।