नई दिल्ली |
दिल्ली उच्च न्यायालय ने अदालतों में पुलिस की जगह किसी अन्य सुरक्षा बल की तैनाती से जुड़ी याचिका पर सुनवाई करने से सोमवार को इनकार कर दिया। इस महीने की शुरुआत में दिल्ली पुलिस और वकीलों के बीच हुई झड़प के मद्देनजर सुरक्षा की मांग करते हुए दो वकीलों ने यह याचिका दायर की थी।
मुख्य न्यायाधीश डी एन पटेल और न्यायमूर्ति सी हरिशंकर की पीठ ने यह कहते हुए याचिका पर सुनवाई करने से इनकार कर दिया कि वकीलों और पुलिस के बीच स्थिति को सुलझाने की जरूरत है और इस तरह की याचिकाएं इसमें मदद नहीं करेंगी। पीठ ने यह भी कहा कि अगर जरूरत पड़ी तो केन्द्र सरकार पुलिस को अतिरिक्त प्रशिक्षण देने पर भी विचार कर सकती है। अदालत में केंद्र सरकार का प्रतिनिधित्व अधिवक्ता अनिल सोनी ने किया।
याचिकाकर्ताओं रीपक कंसल और यदुनंदन बंसल ने अपनी याचिका में दावा किया था कि दो नवंबर को वकीलों और पुलिस के बीच हुई झड़प के बाद से उन्हें जान का खतरा पैदा हो गया है। बता दें कि बीते 3 नवंबर को दिल्ली की तीस हजारी अदालत में पार्किंग के विवाद को लेकर वकीलों व पुलिस के बीच संघर्ष हो गया था। इसमें एक वकील को गोली भी लगी थी। इस दौरान कचहरी परिसर में 17 वाहनों में तोड़फोड़ की गई। घटना के विरोध में दिल्ली की सभी अदालतों में वकीलों ने हड़ताल कर दी थी।